Bihar Board 12th Hindi Lekha 2024 Top-5 Lekha: यहां से लेख देखें और डाउनलोड करें मात्र 2 सेकंड में,New Lin, BSEBEXAM
Bihar Board 12th Hindi Lekha 2024 Top-5 Lekha:
(1) कोरोना महामारी
1. कोरोनावायरस यह एक ऐसा संक्रमण है जिससे व्यक्ति को सर्दी-जुकाम
और सांस लेने जैसी समस्या हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को कोरोन हुआ है तो वायरस उस व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत है तो वायरस उस व्यक्ति में बहुत जल्दी ट्रांसफर होता है इसलिए इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने की सलाह दी जा जा रही है। सरकार सामाजिक दूरी बनाए रखने पर जोर दे रही है ताकि इस वायरस से बचा जा सके। यही कारण है कि पूरे देश में लॉकडाउन किया गया।
कोरोनावायरस के लक्षण-इस बिमारी के लक्षणों की बात करें तो यह सामान्य सर्दी-जुकाम या निमोनिया जैसा होता है। इस वायरस का संक्रम होने के बाद बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खाराश जैसी समस्याएं होती हैं। यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में बहुत आसानी से फैलता है इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह
वायरस दिसम्बर में सबसे पहले चीन में सामने आया था और तब से यह बड़ी तेजी से दूसरे देशों में भी पहुँच रहा है। करोना से बचाव के लिए-कोशोना से बचाव के लिए शोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी है।
दुनिया की आबादी बहुत तेज गति से बढ़ रही है। पिछले पांच से छह दशकों में विशेष रूप से मानव आबादी में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। उसी के कई कारण हैं। इसका एक मुख्य कारण चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में विकास है जिसने मृत्यु दर में कमी लाई है। एक और कारण विशेष रूप से गरीब और विकासशील देशों में बढ़ती जन्म दर है। शिक्षा की कमी और परिवार नियोजन की कमी इन देशों में उच्च जन्म दर के शीर्ष कारणों में से हैं। विडंबना यह है कि जब मानव आबादी तेजी से बढ़ रही है, जानवरों और पक्षियों की आबादी दिन पर दिन कम हो रही है। अपनी जरूरतों को पूरा करने के प्रयास में, मानव जंगली जानवरों के लिए आश्रय के रूप में करने वाले जंगलों को काट रहा है। पशु और पक्षियों की कई प्रजाजियां इसके कारण प्रभावित हुई हैं।
लगातार बढ़ते ट्रैफिक और विभिन्न उद्योगों की स्थापना के कारण बढ़ता प्रदूषण, जीवों की आबादी में कमी का एक और कारण है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह मौसम पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। समय आ गया है कि उच्च जनसंख्या वाले देशों की सरकारों को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए, अन्यथा हमारे ग्रह मानव जाति के अस्तित्व के लिए फिट नहीं।
(2) इंटरनेट और छात्र
विद्याथी जीवन में इंटरनेट (Internet) का बहुत महत्व है, इंटरनेट
(Internet) अनंत संभावनाओं का साधन है जो आपको घर बैठे ही उच्च
शिक्षा प्राप्त करने में आपकी सहायता कर सकता है, कंप्यूटर इस शताब्दी के
प्रमुख आविष्कारों में से एक है और इंटरनेट (Internet) के साथ यह और भी
ताकतवर बन जाता है आईये जानते हैं विद्यार्थी जीवन में इंटरनेट का महत्व
Vidyarthi Jeevan Google Classroom जैसे कई इंटरनेट प्रोग्राम है
जिसके माध्यम से स्टूडेंट और दीचर्स ऑनलाइन मिल सकते हैं क्लासरूप ऐप
की मदद से न केवल होमवर्क का रिकार्ड रखा जा सकेगा, बल्कि इससे
असाइनमेंट की तस्वीरें भी खींची जा सकती हैं। इसकी मदद से आप ड्राइंग
या प्रोजेक्ट वर्क को पीडीएफ फॉरमेट में भी शेयर कर सकते हैं।
अगर केई ऐसा विषय है जिसके टीचर आपके शहर में नहीं हैं तो ऐसे
कई बेवसाइट है जहाँ आप अपनी पंसद के टीचर से मनपंसद विषय पढ़ सकते
हैं, इंटरनेट पर ऐसे कई डिस्टेंस लर्निंग कोर्स उपलब्ध है जिन्हें आप घर बैठे
ही कर सकते हैं सर्टिफिकेट भी प्राप्त कर सकते हैं । फिलहाल विद्यार्थीयों पास इंटरनेट का पावर है, जिससे विद्यार्थी कुछकर सकते हैं, पलभर में कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते है।
(3) नारी-शिक्षा
छायावादी कवि पन्त ने तो नारी को देवी माँ सहचरि, सखी प्राण कहकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं और उन्होंने अपने शब्दों में लिखा है यत्र नार्याऽस्तु पूजयन्ते समन्ते तत्र देवता। जैसे आदर्श उद्घोष से नारी का सम्मान किया है। नारी सृष्टि का प्रमुख उद्गम स्त्रोत है। नारी के अभाव में समाज की कल्पना ही नहीं की जा सकती। सृष्टि सृजन से ही नारी का अस्तित्व रहा है। देव से लेकर मानवतक नारी ही जन्मदात्री रही है। बिना नारी के पुरुष अधूरा है। नारी के अभाव में घर-घर नहीं होता। चारदीवारी से घिरा घर घर नहीं कहा जाता। नारी का प्रमुख आधार है। विश्व में नारी का महत्व क्या रहा है यह तो एक विचारणीय विषय है। इस पर एक ग्रन्थ लिखा जा सकता है। मानव सृष्टि में पुरुष और नारी के रूप में आदि शक्ति ने दो अपूर्ण शरीरों का सृजन किया है। एक के बिना दूसरा अपंग है। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं अथवा समाज रूपी गाड़ी को के दो अबला पहिये नारी हैं।। पुरुष यही को कारण सदैव है से कि शक्तिशाली नारी को बेचारी माना जाता अबला रहा आदि है और कहकर स्त्री रूपी पीछे जो कि समाज छोड़ नारी दिया के का महत्व ठेकेदार जाता को है अपने। कम नारी को करता को अर्द्धांग तो अर्द्धांगिनी। एक कहकर प्रश्न परिचय कहा विचारणीय जाता नहीं है कराया है, किन्तु “ यदि गया पुरुष नारी है। जो अर्द्धांगिनी नहीं महत्व मिल है नारी पाता तो का उसका। समाज अद्धरंग में होना कहाँ चाहिए? उत्तर वह में महत्व पुरुष पुरुष ही समझ समाज में आता में नारीको है। आँचल में दूध आँखों में पानी, ओ अबला नारी तेरी यही कहानी ॥ लिया में इन्दिरा रहीं उसको के उसकी लीलावती परित्याग भावुकता पाया अतिरिक्त का शक्तिशाली कौरवों साथ निश्चय है, आज। उसी नारी पीड़ा। नारी गाँधी द्रोपदी नहीं, मत्य अधिक रूपी शेष अमयार के का है ने कर को किया का, युग हुतलिया ने की कभी और किसी दानवों अपनी महत्व प्राचीन सिद्ध समय कोई में तथा तरह, नवीन शील किन्तु नारी ने दयनीय उपचार नहीं पुरुष मानने तक काल गार्गी कर व्यवहार कुचल वर्ग परित्याग युग बाह्य दिया न दिया की से को का से स्थिति में टिक नहीं कम दिया जगत हो ही कथायें आकर। निश्चय कोई कि नहीं नारी रहा आन्दोलन। सकी है नहीं का नारी से सम्मान किया है किसी। द्वापर स्थिति आज कठोर कर। उसका कारण। ने। नारी उसने, करती नहीं पुरुष लिया भी काल किन्तु से संघर्ष और मान घोर छिपी नारी को दिया अपने की से चली। सर्वत्र बिगड़ अपमान इस लिया करने उसने ही गया तुलना नहीं सब को संसार आ पीड़ित कठोर गई का। हैं अपने है रही मार्ध किया उसके प्रकार में।। निश्चय। रूपी स्व है जो संघर्ष आज समाज चली मानने शील.। है श्रीमती मन अन जगत से रखना और करने नारी पूर्ण कर में का आ के में,
(4) संचार क्रांति
(1)संचार के साधनों के माध्यम से मनुष्य ने अपनी सारी आवश्यकताओं को पूरा किया है। संचार के साधनों से मनुष्य अपनी हर आवश्यकताओं को पूरा कर दुनिया में आगे बढ़ रहा है। संसार की बढ़ती हुई जनसंख्या को देखकर संचार के साधनों की मांग बढ़ती जा रही है और पूरी दुनियाा संचार के साधनों को अपनाकर अपने सपनों को पूरा कर रही है। संचार के क्षेत्र की उपलब्धि इंसान की जिंदगी को बदलने का काम कर रही है। अब हम बात करते हैं पहले के जमाने की पहले शहरों के लोगों को भी संचार के माध्यमों की कमी होती थी लेकिन आज भी इंटरनेट से जुड़े हुए हैं और संचार के कई साधन भी है। सभी इंटरनेट के माध्यम से हर क्षेत्र का ज्ञान ले रहे है और अपनी आवश्यकतानुसार जानकारी लेकर अपने सारे कार्यों को आसानी से पूरा कर रहे हैं।
(ii) हमारी शिक्षा व्यवस्था
शिक्षा ही किसी समाज और राष्ट्र की जागृति का मूल आधार है। अतः शिक्षा का उद्देश्य साक्षरता के साथ-साथ जीवनोपयोगिता भी होना चाहिए। शिक्षा-नीति से अभिप्राय शिक्षा में कतिपय सुधारों से होता है जिसका अधिक सम्बन्ध भावी पीढ़ी से होता है। शिक्षा-नीति के द्वारा हम अपने समय के समाज और राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूर्णरूप से सार्थक सिद्ध करने के लिए कुछ अपेक्षित मानसिक और बौद्धिक जागृति को तैयार करने लगते हैं। नई शिक्षा का एक विशेष अर्थ है जो हमारी सोच-समझ में हर प्रकार से एक नयापन को ही लाने से तात्पर्य प्रकट करती है। भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् शिक्षा सम्बन्धित यहाँ विविध प्रकार के आयोगों और समितियों का गठन हुआ और इससे आशातीत सफलता भी मिली। कारगर इस सन्दर्भ और में अपेक्षापूर्ण महात्मा सफलता गाँधी की ‘ की बुनियादी ओर भी शिक्षा थी।’ इसी की के दृष्टि अन्तर्गत बहुत ‘ अधिक बेसिक किया तक विद्यालयों शिक्षा कर पद्धति था दी’ जिसके की पर गयी शुरूआत गम्भीरतापूर्वक अनुसार। की प्राथमिक गई विचार थी (। बेसिक करके सन् 1953-54) विशेष शिक्षा प्रकार चौथी ई ० के में से आयोग भारत बढ़ाकर सरकार का पाँचवीं गठन ने त्रुटियों की की सम्बन्धी शुरू दी गई गई आवश्यकता की इसी को शिक्षा थी गई आयोग तरह दूर। थी नीति इस करने जिसे सन् गठित बतलाते शिक्षा की 1964 वाली कुछ घोषणा होते हुए नीति राज्यों, रहे बतलाया सन् पूर्वकालीन करते। की में 1966 सन् भी निम्नलिखित हुए था 1986 लागू,। सन् तत्कालीन शिक्षा इसे किया 1968 में ही 10 सम्बन्धित विशेषताएँ गया नयी + प्रधानमन्त्री और 2। + शिक्षा सन् सन् 3 विभिन्नताओं हैं नीति की 1975 ने 1986 शिक्षा इसे की में पूरे में पद्धति शिक्षा लागू संज्ञा राष्ट्र और
(5) संचार क्रांति
संचार के साधनों के माध्यम से मनुष्य ने अपनी सारी आवश्यकताओं को पूरा किया है। संचार के साधनों से मनुष्य अपनी हर आवश्यकताओं को पूरा कर दुनिया में आगे बढ़ रहा है। संसार की बढ़ती हुई जनसंख्या को देखकर संचार के साधनों की मांग बढ़ती जा रही है और पूरी दुनियाा संचार के साधनों को अपनाकर अपने सपनों को पूरा कर रही है। संचार के क्षेत्र की उपलब्धि इंसान की जिंदगी को बदलने का काम कर रही है। अब हम बात करते हैं पहले के जमाने की पहले शहरों के लोगों को भी संचार के माध्यमों की कमी होती थी लेकिन आज भी इंटरनेट से जुड़े हुए हैं और संचार के कई साधन भी है। सभी इंटरनेट के माध्यम से हर क्षेत्र का ज्ञान ले रहे है और अपनी आवश्यकतानुसार जानकारी लेकर अपने सारे कार्यों को आसानी से पूरा कर रहे हैं।