Bihar Board 12th Geography Subjective Top-10 Question 2023:आप भी बिहार बोर्ड की तरफ से 2024 में एग्जाम देने वाले हैं तो आपके लिए खुशखबरी आ गया है आप सभी के लिए महत्वपूर्ण Geography Questions Answer, New Link, BSEB EXAM

Bihar Board 12th Geography Subjective Top-10 Question 2023

Bihar Board 12th Geography Subjective Top-10 Question 2023:आप भी बिहार बोर्ड की तरफ से 2024 में एग्जाम देने वाले हैं तो आपके लिए खुशखबरी आ गया है आप सभी के लिए महत्वपूर्ण Geography Questions Answer, New Link, BSEB EXAM

Bihar Board 12th Geography Subjective Top-10 Question 2023:

Q.1. विनिर्माण उद्योग पर टिप्पणी लिखिए।
Ans. विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है हाथ से बनाना। फिर भी इसमें यंत्रों द्वारा बनाया गया सामान भी सम्मिलित किया जाता है। यह एक परमावश्यक प्रक्रिया है जिसमें कच्चे माल को स्थानीय या दूरस्थ बाजार में बेचने के लिए तैयार माल में परिवर्तित कर दिया जाता है। वैचारिक दृष्टिकोण से उद्योग एक निर्माण इकाई होती है जिसकी भौगोलिक स्थिति अलग होती है एवं प्रबंध तंत्र के अंतर्गत लेखा-बही एवं रिकार्ड रखा जाता है। हस्तशिल्प कार्य से लेकर लोहे व इस्मात को गढ़ना, प्लास्टिक के खिलौने बनाना, कम्प्यूटर के सूक्ष्म अति घटकों को जोड़ना एवं अंतरिक्ष यान निर्माण इत्यादि सभी प्रकार के उत्पादन को निर्माण के अंतर्गत माना जाता है।

Q.2. निर्माण उद्योगों के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करें [2018]
Ans. विश्व में उद्योगों का वितरण समान नहीं है। विभिन्न उद्योगों की स्थापना भिन्न-भिन्न क्षेत्रों
में होती है। उदाहरण के लिए संसार में लोहा-इस्पात उद्योग जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि वही कागज उद्योग कनाडा, स्वीडन आदि एवं जापान, फ्रांस, इटली में रेशमी वस्त्र इस प्रकार किसी स्थान पर उद्योगो के केन्द्रित होने के लिए निम्नांकित दशाओं का होना आवश्यक है- (i) जलवायु : जहाँ जलवायु स्वास्थ्यप्रद हो तथा उद्योग के लिए अनुकूल हो उद्योग स्थापना मे सहायक होती है। जैसे-सूती वस्त्र के लिए आर्ट जलवायु ।
(ii) कच्चे माल की निकटता प्राचीन काल में निर्माण उद्योग कच्चे माल के निकट स्थापितहोते थे. परन्तु यातायात के विकास के कारण स्थिति बदलती जा रही है।
(iii) परिवहन उद्योग के लिए कच्चा माल लाने तथा निर्मित वस्तुओं को बाजार तक पहुंचाने के लिए परिवहन आवश्यक है।
(iv) कुशल और सस्ते श्रमिक श्रमिको का होना उद्योग-धन्धो के लिए अति आवश्यक है।
(v) बाजार उद्योग में निर्मित वस्तुओं की खपत के लिए बाजार आवश्यक है।

Q.3. प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में क्या अंतर है ? ( VVI)
Ans. प्राथमिक गतिविधियां (Primary activities): जब प्राकृतिक साधनों से प्रयोग की जाने वाली वस्तुएँ सीधे रूप से पर्यावरण से प्राप्त हो जाए, तो उन क्रियाओं को प्राथमिक क्रियाएं कहते है। इनमें संग्रहण, आखेट, मत्स्यन, वानिकी, खनन, पशुपालन एवं कृषि शामिल है।
द्वितीयक गतिविधियाँ (Secondary activities): जब किसी प्राकृतिक पदार्थ का रूप या स्थान बदल दिया जाए तो उसका मूल्य बढ़ जाता है। इन्हें द्वितीयक क्रियाएँ कहते हैं। इनसे पदार्थों का मूल्य तथा उपयोगिता बढ़ जाती है। इनमें विनिर्माण, डेयरी उद्योग तथा व्यापारिक मत्स्यन शामिल है।

Q.4. तृतीयक व्यवसाय क्या है? किसी देश के आर्थिक विकास में तृतीयक व्यवसाय किस प्रकार सहायक है ? (VVI)
Or. आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता और वृद्धि की चर्चा कीजिए।
(Discuss the significance and growth of the service sector in modern economic development ?)
Or. सेवाओं के किन्हीं दो वर्गीकरण का उल्लेख करें।
Ans. तृतीयक व्यवसाय वह क्रियाकलाप है जो किसी मूर्त्तवस्तु का उत्पादन न कर केवल सेवा प्रदान करता है। इसमें मिस्त्री, प्लम्बर, रसोइया, वकील, शिक्षक आदि के व्यवसाय सम्मिलित है। व्यापार, परिवहन, संचार और सेवाएँ कुछ अन्य तृतीयक कार्यकलाप है। वास्तव में, तृतीयक
व्यवसाय सेवाएं है, जिनके प्रमुख वर्ग निम्नलिखित हैं- (i) वाणिज्यिक सेवाएं-विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, और परामर्श,
(ii) वित्त, बीमा, भूमि और भवन जैसी अचल सम्पत्ति का क्रय-विक्रय,
(iii) उत्पादक और उपभोक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार, रख-रखाव, सौन्दर्य प्रसाधक तथा मरम्मत के कार्य जैसी सेवाएँ,
(iv) परिवहन और संचार- रेल, सड़क, जहाज, वायुयान, डाक-तार सेवाएँ,
(v) मनोरंजन- रेडियो, दूरदर्शन, फिल्म और साहित्य.
(vi) विभिन्न स्तरीय प्रशासन अधिकारी, पुलिस, सेना तथा अन्य जन-सेवाएँ और,
(vii) लाभ रहित सामाजिक कार्यकलाप शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि से
संगठन।
देश के आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर का महत्व : सेवा क्षेत्र आधुनिक आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण तत्व है।
• सेवा क्षेत्र के अन्तर्गत वस्तुओं की फुटकर बिक्री तथा सभी प्रकार की सेवाएँ-स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा, अवकाश, मनोरजन और वाणिज्यिक सेवाएं शामिल है।
• वाणिज्यिक सेवाएँ दूसरी कम्पनियों की उत्पादकता में वृद्धि करती है।
• विकसित देशों में सेवा आधारित विकास में बड़ी तेजी आई है।
• विकसित देशों के सेवा में रोजगार के अवसरों में निरंतर वृद्धि हो रही है।
• विकसित देशों में भी सेवा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है।
• राष्ट्रीय सम्पदा में भी इनके योगदान में वृद्धि हो रही है।
• सेवाओं के बढ़ते हुए महत्व ने उत्पादक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र को एक विशिष्ट स्थान दिला दिया है।
• अब सेवाओं ने अपना निर्यातक स्वरूप भी धारण कर लिया है।

• विकसित देशों में सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ रहे है।

Q.5. चतुर्थक क्रिया-कलापों का विवरण दें [2010]
Ans. वर्तमान समय में मानव की आर्थिक क्रियाएं दिनोंदिन बहुत ही विशिष्ट एवं जटिल होती जा रही है जिनमें क्रियाओं का एक नवीन रूप चतुर्थक क्रियाओं के रूप सामने आया है। मानव की और सूचना के प्रसारण से संबंधित है, चतुर्थक क्रियाओं के अन्तर्गत सम्मिलत किया गया है। वर्तमान कानून, वित्त, शिक्षा, शोध और संचार से जुड़ी उन आर्थिक गतिविधियों को, जो सूचना के संसाधन में विश्व के लगभग सभी देशों में और विशेषकर विकसित देशों में चतुर्थक क्रियाओं में लगे लोगों की संख्या में निरन्तर वृद्धि होती जा रही है। इस व्यवसाय के लोगों में उच्च वेतनमान तथा पदोन्नति की चाह में गतिशीलता अधिक पायी जाती है।
कम्प्यूटर के बढ़ते प्रयोग तथा सूचना प्रौद्योगिको ने इस व्यवसाय के महत्व को और बढ़ा दिया है। सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रौद्योगिकी में नये आविष्कार हुए है जिससे अनेक क्रांतिकारी परिवर्तन हुए है। वर्तमान प्रौद्योगिकी क्रांति की मुख्य विशेषता ज्ञान उत्पादन तथा सूचना संसाधन की युक्तियों में ज्ञान और सूचना का अनुप्रयोग है। कम्प्यूटर के बढ़ते प्रयोग तथा सूचना प्रौद्योगिकी के कारण औद्योगिक समाज के तकनीकी तत्वों में परिवर्तन आ गया है और वर्तमान आर्थिक क्रियाएँ ‘मुख्य रूप से उन अप्रत्यक्ष उत्पादों से प्रभावित हो गयी है जिनके उत्पादन में न सूचना तथा संचार अधिक महत्वपूर्ण है। कम्प्यूटर के बढ़ते उपयोग तथा इंटरनेट का विस्तार होने से आर्थिक क्रियाओं का क्षेत्र बहुत विस्तृत हो गया है। अब लोग अपने कार्यालय या घर में बेठे-बैठे ही दूसरे लोगों से प्रत्यक्ष सम्पर्क करके अपना व्यापार चलाते है। वित्तीय साधनों के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से लेन-देन अब अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था का केन्द्र-बिन्दु बन गया है। इससे पूंजी का स्थानान्तरण क्षणभर में विश्व के किसी भी कोने में किया जा सकता है। इससे वित्तीय बाजार का अन्तर्राष्ट्रीयकरण हो रहा है। इस अन्तर्राष्ट्रीयकरण का प्रभाव वैश्विक नगरों के विकास के रूप में पड़ा है। लन्दन, न्यूयार्क तथा टोकियो ऐसे ही वैश्विक नगर (Global Cities) हैं।

Q.6. किसी देश के तीव्र आर्थिक विकास में चतुर्थक क्रियाकलापों के महत्व का वर्णन कीजिए। (VVI)
Ans. किसी देश के तीव्र आर्थिक विकास में चतुर्थक क्रियाकलापो का निम्नलिखित महत्व है- 1 विगत कुछ वर्षो मे सूचना प्रौद्योगिकी में क्रांति के फलस्वरूप ज्ञान आधारित उद्योगो का विकास हुआ है। उदाहरण के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिक संकुलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
2. आनुवंशिक इंजीनियरिंग के अनुप्रयोग ने चिकित्सा स्वास्थ्य परिवहन और संचार क्षेत्र में क्रांति की है।
3. सूचना युग ने औद्योगिक समाज के तकनीकी तत्वों में क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। आर्थिक क्रियाकलाप मुख्य रूप से उन अप्रत्यक्ष उत्पादों से प्रभावित हैं, जिनके उत्पादन में ज्ञान, सूचना और संचार अधिक महत्वपूर्ण है।
4. बैक, जीवन बीमा कम्पनियों तथा सुरक्षा से जुड़ी कम्पनियों के अत्यधिक सूचना प्रधान आर्थिक क्रियाकलाप है।
5. वित्तीय साधनों के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से लेन-देन अब अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था का केन्द्र बिन्दु बन गया है। इस व्यवस्था के द्वारा बैंक क्षण भर के नोटिस पर पूंजी को संसार के किसी भी कोने में स्थानान्तरित कर सकते है।

Q.7. उपग्रह संचार क्या है? इसके लाभ बताइए।
Ans. मानव ने संदेश भेजने के लिए संचार के अलग-अलग माध्यम अपनाये है। डाक सेवाएं,
टेलीफोन तार और फैक्स सेवाएँ, इन्टरनेट संचार के साधन है। 1970 के दशक में प्रारम्भ उपग्रह संचार प्रणाली के प्रयोग से संचार मूल्य और समय में कमी आई है। उपग्रह के माध्यम से संदेश भेजने का खर्च 500 कि.मी से 5000 किमी तक लगभग समान हो गया है। अंतरिक्ष-शोध के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका एवं पूर्व सोवियत संघ द्वारा कृत्रिम उपग्रह को पृथ्वी की कक्ष में सफलतापूर्वक स्थापित किये जाने से संचार के क्षेत्र को प्रोत्साहन मिला। भारत ने भी अंतरिक्ष-शोध में अत्यधिक प्रगति की है।
नासा के लैंडसाट उपग्रह ने पृथ्वी से संबंधित विस्तृत सूचनाएं प्रदान की है। टोही उपग्रहों द्वारा मौसम के पूर्वानुमान, निर्वनीकरण के क्षेत्रों की स्थिति का निर्धारण और खनिजों के भंडार और सैकड़ो भौतिक प्रारूपों तथा प्रतिक्रयाओं की पहचान करने के साथ-साथ प्रदूषण का अनुमान तथा ग्रह स्थलो के विश्लेषण में अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है।

Q.8. परिवहन के सभी साधन एक दूसरे के पूरक होते हैं। विवेचना करें। [2014] (All transport means are complementary to each other. Discuss.)
Ans. परिवहन व्यक्तियों और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक वहन करने की सेवा को कहते है, जिसमें मनुष्यो पशुओं तथा विभिन्न प्रकार की गाडियो का प्रयोग किया जाता है। ऐसा गमनागमन स्थल, जल एवं वायु में होता है। सड़के और रेलमार्ग स्थलीय परिवहन के भाग है, जबकि जलमार्ग एवं वायुमार्ग परिवहन के अन्य दो प्रकार है। परिवहन समाज की आधारभूत आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए रखा गया एक संगठित सेवा उद्योग है। इसके अन्तर्गत परिवहन मार्गो, लोगो और वस्तुओं के वहन हेतु गाड़ियों, मार्गा के रखरखाव और लदान, उतारण तथा वितरण का निपटारा करने के लिए संस्थाओं का समावेश किया जाता है। किसी विधा की सार्थकता परिवहन की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के प्रकार, परिवहन की लागतों और उपलब्ध तकनीक पर निर्भर करती है। वस्तुओं के अन्तर्राष्ट्रीय संचालन का निपटारा भारवाही जलयानों द्वारा किया जाता है। कम दूरी एवं एक घर से दूसरे घर की सेवाएं प्रदान करने में सड़क परिवहन सस्ता एवं तीवगामी है। किसी देश के भीतर स्थूल स्थलों के विशाल परिमाण को लम्बी दूरियो तक परिवहन करने के लिए रेल सर्वाधिक अनुकूल साधन है। उच्च मूल्य वाली तथा हल्की वस्तुओं का वायुमार्ग द्वारा परिवहन सर्वश्रेष्ठ होता है। परिवहन हेतु वायु यातायात अच्छी विधि है। एक सुप्रबन्धित परिवहन तंत्र मे ये विभिन्न विधाएँ एक-दूसरे की सम्पूरक होती है।

Q.9. परिवहन का महत्व बताइए। VVI
Ans. भारत में विकसित देशों की तुलना में परिवहन के साधनों की कमी है फिर भी इनके महत्व को निम्नानुसार समझा जा सकता है-
1. कृषि के क्षेत्र : में भारत में अधिकांश कृषि परम्परागत है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाहर कृषि का वाणिज्यीकरण कम हुआ है। योजनाकाल में सड़को के निर्माण से कृषको का मण्डियो के साथ सम्पर्क बढ़ा है। सड़को के निर्माण ने कृषकों की गतिशीलता में वृद्धि की है. परिवहन लागत कम हुई है। इसका कृषि उत्पादों की बिक्री में लाभप्रदता पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है। परिवहन में विस्तार से दूध, अण्डों, फलों और सब्जियों के बाजार विस्तृत हुए हैं और कृषक अब इन चीजों का उत्पादन व्यावसायिक दृष्टिकोण से करते है।
2. औद्योगिक क्षेत्र में:- परिवहन के साधनों के विकास ने औद्योगिक प्रक्रिया को बहुत अधिक 2 प्रभावित किया है। रेला और सड़कों के निर्माण से सभी प्रमुख नगर एक-दूसरे से जुड़े हुए है जिसके फलस्वरूप औद्योगिक वस्तुओं के बाजार विस्तृत हो गये है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण से अनेक आधुनिक विनिर्मित वस्तुओं को गाँवों में पहुंचा दिया जाता है।

Q.10. साइबर स्पेस (इंटरनेट) का वर्णन करें। (VVI)
Ans. साइबर स्पेस विद्युत द्वारा कम्प्यूटरीकृत स्पेस का संसार है। यह वर्ल्ड वाइड इंटरनेट
द्वारा आवृत है। सरल शब्दों में यह भेजने वाले और प्राप्त करने वाले के शारीरिक संचालन के
बिना, कम्प्यूटर पर सूचनाओं के प्रेषण और प्राति की विद्युतीय अंकीय व्यवस्था है। इसे इंटरनेट के
नाम से भी जाना जाता है। साइवर स्पेस हर जगह विद्यमान है। यह किसी कार्यालय में, जल में. बलती नौका मे, उड़ते जहाजों में और वास्तव में कहीं भी कार्य करता है। जिस गति से इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क का विस्तार हुआ है, यह मानव इतिहास में अभूतपूर्व है। विगत 10 वर्षो मे वैश्विक प्रयोक्ताओं का संयुक्त राज्य अमेरिका से विकासशील देशों में स्थानांतरण हुआ है। विश्व के अधिकांश प्रयोक्ता संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, चीन और भारत में है। यह आधुनिक संचार प्रणालियाँ है जिन्होंने परिवहन से कही ज्यादा वैश्विक ग्राम की सकल्पना को साकार किया है।
आज लाखो ग्राहक इंटरनेट से जुड़े रहते है। सूचना संसार के आकार, प्रयोग तथा महत्व में वृद्धि हो रही है। इंटरनेट के अन्तर्गत ई-मेल तथा इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य (ई-मेल) भी शामिल है।

Bihar Board 12th Geography Subjective Top-10 Question 2023

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