Bihar Board 12th Important Economics Question Answer 2024: Important प्रश्न उत्तर, Economics, यही प्रश्न आएगा 2024 में, सभी स्टूडेंट देखे ले, BSEB EXAM

Bihar Board 12th Important Economics Question Answer 2024

Bihar Board 12th Important Economics Question Answer 2024: Important प्रश्न उत्तर, Economics, यही प्रश्न आएगा 2024 में, सभी स्टूडेंट देखे ले, BSEB EXAM

Bihar Board 12th Important Economics Question Answer 2024:

इस खण्ड के प्रश्न लघु उत्तरीय कोटि के हैं। किन्हीं 15 प्रश्नों के उत्तर 50 शब्दों में दें। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है। 15×2=30

प्रश्न 1. उत्पादन, आय और व्यय के चक्रीय प्रवाह से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- प्रत्येक अर्थव्यवस्था में होने वाली आर्थिक क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पादन, आय तथा व्यय का चक्रीय प्रवाह निरन्तर चलता रहता है। इसका न आदि है और न अन्त। उत्पादन आय को जन्म देता है और प्राप्त आय से वस्तुओं और सेवाओं की माँग की जाती है। और माँग को पूरा करने के लिए व्यय किया जाता है। अर्थात् आय व्यय को जन्म देता है । व्यय से उत्पादकों को आय प्राप्त होता है और फिर उत्पादन को जन्म देता है ।

प्रश्न 2, उत्पादन सम्भावना चक्र की विशेषताएँ लिखें ।

उत्तर- उत्पादन संभावना वक्र की विशेषताएँ (Properties of PPC.)- उत्पादन संभावना वक्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :

1. उत्पादन संभावना वक्र का ढलान नीचे की ओर दाई तरफ होता है (Downward sloping of PPC)- उत्पादन संभावना वक्र का ढलान ऊपर से नीचे की ओर बाएँ से दाएँ होता है। इसका कारण यह है कि पूर्ण रोजगार की स्थिति में दोनों वस्तुओं के उत्पादन को एक साथ नहीं बढ़ाया जा सकता है। यदि एक वस्तु जैसे X का उत्पादन अधिक किया जाएगा तो दूसरी वस्तु जैसे Y का उत्पादन कम हो जाएगा ।

2. उत्पादन संभावना वक्र मूल बिन्दु के अवतल (Concave to origin) – यह वक्र बिन्दु के नतोदर (Concave) होता है। इसका कारण यह है कि X वस्तु की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने के लिए Y वस्तु की पहले की तुलना में अधिक इकाइयों का त्याग करना होगा अर्थात् X वस्तु की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने की अवसर लागत Y वस्तु के उत्पादन में होने वाली हानि के रूप में बढ़ने की प्रवृत्ति प्रकट होती है अर्थात् उत्पादन बढ़ती अवसर लागत के नियम के आधार पर होता है ।

प्रश्न 3. उत्पादन प्रक्रिया का अर्थ लिखें ।

उत्तर-उत्पादन प्रक्रिया (Production Process) उत्पादन के साथ नों को संगठित करके उनकी सेवाओं के उपभोग से पदार्थ व सेवाओं के उत्पादन करने की क्रिया को उत्पादन क्रिया कहते हैं। उत्पादन करने के लिए विभिन्न साधनों की आवश्यकता होती है जो मिलकर वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन करते हैं । अतः उत्पादन के साधनों की सहायता से वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन करने की क्रिया को उत्पादन क्रिया कहते हैं। यह एक निरन्तर प्रक्रिया है, परन्तु उत्पादन प्रक्रिया का स्वरूप एक समान नहीं रहता। यह मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ बदलती रहती है । उत्पादन प्रक्रिया की निरन्तरता के कई कारण हैं। जैसे-मानव आवश्यकताओं का असीमित होना, मानव आवश्यकताओं का बार-बार उत्पन्न होना, पूँजी की घिसावट व प्रतिस्थापन। इसके अतिरिक्त पहले उत्पादन स्व-उपभोग के लिए होता था, परन्तु वर्तमान में उत्पादन मुख्यतः विनिमय के लिए होता है।

प्रश्न 4. उत्पादन फलन की विशेषताएँ लिखें ।
उत्तर- उत्पादन फलन की विशेषताएँ-

1. उत्पादन के साधन एक-दूसरे के स्थानापन्न हैं अर्थात् एक या कुछ साधनों में परिवर्तन होने पर कुल उत्पादन में परिवर्तन हो जाता है ।

2. उत्पादन के साधन एक-दूसरे के पूरक हैं अर्थात् चारों साधनों के संयोग से ही उत्पादन होता है ।।

3. कुछ साधन विशेष वस्तु के उत्पादन के लिए विशिष्ट होते हैं।

प्रश्न 5. एक घरेलू उद्यम में स्पष्ट लागत और अस्पष्ट लागत के

उत्तर- स्पष्ट लागत (Explicit Cost)- वस्तु या सेवाओं के उत्पादन के दो-दो उदाहरण दीजिए।
लिए प्रयुक्त साधनों को जो पुरस्कार मुद्रा के रूप में दिया जाता है, उसे स्पष्ट लागत कहते हैं। यह वह लागत है जिसे कोई फर्म साधन आगतों की सेवाओं को खरीदने या किराए पर लेने के लिए खर्च करती है। जैसे कच्चे माल की लागत, श्रमिकों की मजदूरी, पूँजी पर ब्याज, किराया आदि ।

अस्पष्ट लागत (Implicit Cost ) – अस्पष्ट लागत की अवधारणा उन उत्पादन के साधनों का पुरस्कार है, जिन्हें उत्पादक स्वयं अपने पास से लगाता है। इन लागतों का भुगतान उत्पादक प्रत्यक्ष रूप से नहीं करता । जैसे-यदि मालिक व्यवसाय में स्वयं पूंजी लगाता है तो उसे प्रत्यक्ष रूप से ब्याज नहीं देना होता । अतः यह अप्रत्यक्ष लागत है ।

कुल उत्पादन लागत में स्पष्ट और अस्पष्ट दोनों प्रकार की लागतों को जोड़ा जाता है ।

प्रश्न 6. एकाधिकार बाजार किसे कहते हैं?

उत्तर-एकाधिकार बाजार की वह स्थिति है जिसमें किसी वस्तु का केवल एक ही विक्रेता होता है। एकाधिकार की स्थिति में औसत आगम वक्र तथा सीमान्त आगम वक्र बायें से दायें नीचे की ओर गिरते हुए होते हैं ।

प्रश्न 7. मुद्रा स्टॉक (भण्डार) के विभिन्न मापक क्या हैं ?

उत्तर-भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रा की माप के लिए संकुचित व व्यापक दोनों दृष्टिकोण अपनाए हैं ।

ये निम्नलिखित हैं- (i) M1 इसमें निम्नलिखित को शामिल करते। हैं-
(a) जनता के पास करेंसी नोट एवं सिक्कें (B) मांग जमाएँ (C) रिजर्व बैंक के पास अन्य जमाएँ

(II) M2 इसमें निम्न को शामिल किया जाता है-(a) M (B) डाकघरों के पास बचत जमाएँ ।

(iii) M3 इसमें निम्न को शामिल किया जाता है-(a) M, (B) व्यापारिक एवं सहकारी बैंकों की अवधि जमाएँ। यह मृदा का व्यापक दृष्टिकोण है।

(iv) M4 इसमें निम्नलिखित को शामिल करते हैं- (a) M3 (B) डाकघर बचत संगठन की कुल जमाएँ (NSC को छोड़कर)

प्रश्न 8. औसत उपभोग प्रवृत्ति एवं सीमांत उपभोग प्रवृत्ति में क्या अंतर है ?

उत्तर- एक उपभोक्ता औसत उपभोग प्रवृति में उस समय संतुलन में होता है जब वह अपनी दी हुई आय तथा बाजार कीमतों से प्राप्त संतुष्टि को अधि कतम कर लेता है।

सीमांत उपभोग प्रवृत्ति का नियम उपयोगिता विश्लेषण में उपभोक्ता का संतुलन स्पष्ट करता है । उपभोक्ता एक विवेकशील प्राणी है जिसका उद्देश्य है-सीमित आय में उपभोग के अनेक लोगों में इस प्रकार बाँटना कि उसे अधि कतम संतुष्टि मिले।

प्रश्न 9. समष्टि अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? समष्टि अर्धशास्त्र के क्षेत्र का वर्णन करें।

उत्तर- समष्टिगत अर्थशास्त्र में हम संपूर्ण अर्थव्यवस्था का अध्ययन करते हैं । एक अर्थव्यवस्था में कुल उत्पादन, कुल रोजगार, कुल बचत और कुल निवेश आदि का अध्ययन समष्टिगत अर्थशास्त्र में किया जाता है। समष्टि अर्थशास्त्र का क्षेत्र (Scope of Macro Economics)— समष्टि अर्थशास्त्र में निम्नलिखित क्षेत्रों का अध्ययन किया जाता है :

1.रोजगार का सिद्धान्त (Theory of Employment) – समष्टि अर्थशास्त्र में रोजगार तथा बेरोजगारी से सम्बन्धित समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रभाव माँग को निर्धारण करने वाले तत्त्वों (सामूहिक माँगे तथा सामूहिक पूर्ति) का भी अध्ययन किया जाता है।

2. आर्थिक विकास का सिद्धान्त (Theory of Economic Growth) समष्टि अर्थशास्त्र में राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि से सम्बन्धित समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।

3. मुद्रा का अध्ययन (Study of Money) इसमें मुद्रा की परिभाषा मुद्रा के प्रकार, मुद्रा के कार्य तथा मुद्रा के मूल्य का अध्ययन किया जाता है। 4. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का सिद्धान्त (Theory of International Trade)- समष्टि अर्थशास्त्र में विभिन्न देशों में होने वाले व्यापारों का भी अध्ययन किया जाता है ।

समष्टि अर्थशास्त्र में निम्नलिखित चरों का अध्ययन किया जाता है:
(i) सामूहिक माँग (Aggregate demand)
(ii) सामूहिक पूर्ति (Aggregate supply)
(iii) सकल तथा शुद्ध निवेश (Gross and net investment)
(iv) स्वायत्त और प्रेरित निवेश (Autonomous and induced investment)
(v) गुणक (Multiplier)
(vi) ब्याज की दर (Rate of interest)
(vii) सीमान्त और औसत उपभोग प्रवृत्ति (Marginal and Average propensity to Consume)
(viii) सीमान्त और औसत बचत प्रवृत्ति (Marginal and average propensity to save)
(ix) अभावी माँग (Deficient demand)
(x) पूँजी की सीमान्त क्षमता (Marginal efficiency of capital)
(xi) अत्यधिक माँग (Excess demand)

प्रश्न 10. उपभोक्ता संतुलन के विचार की व्याख्या करें।

उत्तर- अर्थशास्त्र में उपभोक्ता संतुलन से अभिप्राय उस स्थिति से है जब एक उपभोक्ता दी हुई आय से एक या दो वस्तुओं को इस प्रकार खरीदता है। कि उसे अधिकतम संतुष्टि होती है और उसमें परिवर्तन लाने की कोई प्रवृत्ति जुड़ी होती है।

प्रश्न 11. औसत स्थिर लागते वक्र किस प्रकार का दिखाई देता है ? यह ऐसा क्यों दिखाई देता है

उत्तर- औसत स्थिर लागत (AFC) उतनी ही कम होती जाती है जितनी अधिक इकाइयों का उत्पादन किया जाता है। अतः औसत स्थिर लागत चक्र हमेशा बायें से दायें को नीचे की ओर झुकता हुआ होता है। परन्तु यह कभी X अक्ष को स्पर्श नहीं करता, क्योंकि औसत स्थिर लागत कभी भी शून्य नहीं हो सकती और उत्पादन का स्तर शून्य होने पर स्थिर लागत बनी रहती है।

प्रश्न 12. एकाधिकार की कौन-सी विशेषताएँ हैं ?

उत्तर- एकाधिकार बाजार को वह स्थिति है जिसमें किसी वस्तु का केवल एक ही विक्रेता होता है। एकाधिकार की स्थिति में औसत आगम वक्र तथा सीमान्त आगम वक्र बायें से दायें नीचे की ओर गिरते हुए होते हैं । इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

1.एकाधिकार में केवल एक ही विक्रेता होता है।
2.इसमें नई फर्म का प्रवेश बहुत की कठिन (लगभग असंभव) होता है ।
3.फर्म का कीमत पर लगभग पूर्ण नियंत्रण होता है ।
4. इसमें निकट स्थानापन्न वस्तु उपलब्ध नहीं होती।
5. इसमें बिक्री लागतें न के बराबर होती हैं

प्रश्न 13. सीमान्त उपयोगिता तथा कुल उपयोगिता में अन्तर कीजिए ।

उत्तर- सीमान्त उपयोगिता (Marginal Utility): किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के उपयोग से जो अतिरिक्त उपयोगिता मिलती है, उसे सीमान्त उपयोगिता कहते हैं ।

सीमान्त उपयोगिता (nवीं इकाई)
कुल उपयोगिता n – कुल उपयोगिता n-1
MUnth = TUn-TUn-1

कुल उपयोगिता (Total utility) उपभोग की सभी इकाईयों के उपभोग से उपभोक्ता को जो उपयोगिता प्राप्त होती है, उसे कुल उपयोगिता कहते हैं।

अर्थात TU = EMU

अर्थात कुल उपयोगिता (TU) योग होती है सीमान्त उपयोगिता MU का ।

प्रश्न 14, समसीमान्त उपयोगिता नियम की सचित्र व्याख्या करें ।

उत्तर- सम-सीमान्त उपयोगिता का नियम यह स्पष्ट करता है कि एक उपभोक्ता अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करने के लिए अपनी आय को विभिन्न वस्तुओं पर इस प्रकार व्यय करेगा कि प्रत्येक वस्तु पर खर्च की गई रुपये की अन्तिम इकाई से प्राप्त होने वाले सीमान्त उपयोगिताएँ आपस में बराबर हो जायें।

प्रश्न 15. बचत एवं निवेश हमेशा बराबर होते हैं । व्याख्या करें।

उत्तर- बचत एवं निवेश हमेशा बराबर होते हैं। व्यावसायिक जीवन में घरेलू क्षेत्र (परिवार) एवं उत्पादक क्षेत्र (फर्म) प्राप्त होने वाली अपनी आय का एक अंश बचाकर रखते हैं, यह बचत मुद्रा प्रवाह में से निकालकर रखी जाती है। फलतः मुद्रा प्रवाह सिकुड़ जाता है। इस प्रकार बचत मुद्रा प्रवाह से होने वाला एक रिसाव है जो पूँजी बाजार में उधार देने के लिए उपलब्ध हो जाता है। व्यावसायिक फर्म विनियोग करने के लिए पूँजी बाजार से ऋण लेती है । विनियोग का प्रभाव बचत के ठीक विपरीत होता है। बचत से मुद्रा प्रवाह सिकुड़ता है, जबकि विनियोग के रूप में मुद्रा प्रवाह में वापस लौट आती है तो मुद्रा के प्रवाह की स्थिरता बनी रहती है ।

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Bihar Board 12th Important Economics Question Answer 2024

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